अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : विकासखडं नौगांव आजादी के बाद अभी भी न्यु इंडिया का सपना देख रहा है और देखे भी क्यों नहीं जहां खाटल के भौंति गांव के लोग 6किमी पैदल चलने में मजबुर है जी हां जहां उत्तराखंड सरकार एक तरफ गांव को सड़क स्वास्थ्य शिक्षा से जोड़ने की बात करती है और दुसरी तरफ भौंति के लोग आज भी 6किमी पैदल सफर कर रहे हैं अब आप ही अंदाजा लगाओं की बीमार लोग और गर्भवती महिलाओं को सड़क तक कैसे पंहुचाते होंगे यहां के लोग?
यह खबर मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिहं रावत और जिलाधिकारी मयुर दिक्षित को जरूर देखनी चाहिये कि कैसे लोग आज भी बदहाल हालात में मामले पर विकासखडं नौगांव कनिष्ठ उप प्रमुख दर्शनी देवी ने कहा कि जब वह ग्राम पंचायत प्रधान थी तो मुख्यमंत्री स्तर से सड़क स्वीकृत करवायी थी और अभीतक कार्यवाही अमल में नहीं आयी जिसके लिये वह प्रयासरत है वही समासेवी अरूण नौटियाल ने भी बताया कि वह इस समस्या की जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिहं रावत को लिखित में दे चुके हैं और युवा समाजसेवी सोबत राणा ने बताया कि वह शासन और मुख्यमंत्री स्तर पर मामले को उठा चुके है लेकिन वन भूमी कहकर मामले को टाला जा रहा है!
अब सवाल यह है कि आखिर सरकार ऐसे ज्वलंत समस्याओं को लेकर इतनी बेरूखी क्यों जता रही है क्यों जनता से ज्यादा सरकारी भूमी की फीक्र है यह बडा़ सवाल है और यह सवाल उस गांव के लोगों के जहन में भी है जो अपना जीवन वहां खफा रहे हैं,
अब हमारी सयकारें कहती है कि पलायन का क्या कारण है यही कारण है सरकार जब नागरिक असुविधाओं मे जीवन यापन कर रहे हों तो यही दिन देखने को मिलेंगे हमने पुरोला विधायक से भी समस्या पर सवाल उठाया तो विधायक राजकुमार ने बताया कि वह भौंति सड़क का मामला विधानसभा के पटल पर अपने लिखित प्रस्ताव में रख चुके हैं लेकिन अभीतक सरकार ने समस्या को गभीरता से नहीं लिया है कि वह विपक्ष के विधायक हैं अब सवाल यह कि सरकार किसी समस्या को इसलिये टालेगी कि उस विधानसभा में विपक्ष का विधायक है? अब यदि सरकारे जन समस्याओं का निस्तारण नहीं करेगी तो लोगो का भरोसा उठना लाजमीय है अब खाटल पट्टी के भौन्ति गांव के लोग सिर्फ सड़क की राह देख रहे हैं कि कब आयेगी सड़क.?