बिजेंद्र पुंडीर
मसूरी : नगर पालिका में एक एनजीओ द्वारा पुलिस कर्मियों को जीवन रक्षक कार्यक्रम के तहत किसी भी दुर्घटना के समय मनुष्य को बचाने का प्रशिक्षण दिया व प्रयोगात्मक क्रिया की गई। इस मौके पर आये साहसिक पर्यटन से जुडे़ ट्रिप द हिमालया के निदेशक दिगंबर ( टीटू) ने कहा कि यहां जो कार्यक्रम किया जा रहा है इसके लिए मुझे भी फोन आया था लेकिन यहां आकर देखा तो यह प्रशिक्षण नहीं जागरूकता कार्यशाला है। क्यों कि यहां पर केवल जीवन सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस कर्मियों को बताया जा रहा है कि किसी भी दुर्घटना के घायल को कैसे बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीपीआर का प्रशिक्षण तीन दिन का होता है लेकिन यहां जो जानकारी दी जा रही है उसका लाभ नहीं है क्यों कि जब दुर्घटना होती है उस समय खून देखकर लोग कुछ करने की स्थिति में नहीं रहते वहां पर वहीं आदमी कार्यकर सकता है जो पूर्ण रूप से प्रशिक्षित हो। इसे जागरूकता कहा जा सकता है उन्होंने यह भी बताया कि सीपीआर का प्रशिक्षण पूरे भारत में केवल एक ही संस्था देती है जिसका नाम हनीफल सेंटर है यहां से प्रमाण पत्र दिया जाता है वहीं जब भी कहीं दुर्घटना होती है तो ऐसे समय में प्रमाण पत्र वाला ही कार्य कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2016 में एक कानून आया है कि सड़क दुर्घटना में किसी भी घायल को कोई भी उठा कर अस्पताल ले जा सकता है जो अच्छा निर्णय है क्यों कि पहले कोई किसी घायल की मदद करने से कतराता था क्यों कि पुलिस बाद मे उसी व्यक्ति को परेशान करती थी जो घायल को ले जाता था। इस मौके पर मौजूद कोतवाल भावना कैंथोला ने कहा कि यहाँ जो प्रशिक्षण पुलिस कर्मियों को दिया जा रहा है निश्चित ही यह उनके काम आयेगा। क्यों कि कोई भी सीखी चीज बेकार नहीं होती। मसूरी पहाड़ी स्थल है और यहां पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है जिसमें पुलिस कर्मियों को गहरे खडड़ों में जाना पड़ता है ऐसे में इस प्रशिक्षण किसी की जान को बचाया जा सकता है तो यह बड़ी उपलब्घि होगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में पुलिस व फायर के जवानों व अधिकारियों के साथ ही सिविल के लोग भी मौजूद है।