बिजेंद्र पुंडीर
मसूरी। मालरोड पर बिना अतिक्रमण हटाये अतिक्रमण हट जाये व कोई विरोध न करे तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है, जब इस बारे में पता लगाया तो पता चला कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश मसूरी आये हैं। आम जनता का कहना है कि मालरोड की सुंदरता को बचाये रखने के लिए गहरी नींद में सोये प्रशासन का मुंह ताकने से अच्छा होगा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में हर रोज किसी न किसी को मसूरी आना चाहिए।
पहाड़ों की रानी मसूरी की मालरोड वर्तमान में कब्जाधारियों के कब्जे में है। नगर प्रशासन, पालिका प्रशासन व अन्य जिम्मेदार अधिकारी सभी तमाशा देख रहे हैं कई बार पालिका प्रशासन ने पुलिस प्रशासन व नगर प्रशासन की मदद से मालरोड पर पटरी लगाने वालों को हटाने का प्रयास किया गया लेकिन तब स्थानीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों के अनैतिक दबाव के कारण पटरी लगाने वालों को नहीं हटाया गया। लेकिन इस बार एक दिन के लिए ही सही बिना किसी के कहने पर, बिना किसी नेता के हस्तक्षेप के किसी ने पटरी नहीं लगाई जो आश्चर्य जनक लग रहा था इस संबंध में जब पालिका अधिशासी अधिकारी एमएल शाह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीजन को देखते हुए पटरी वालों को हटा दिया गया है तथा पूरे सीजन पटरी वाले मालरोड पर नहीं बैठेंगे। लेकिन जो सच्चाई है वह यह है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आने पर मालरोड से पटरी वाले गायब नजर आये। न कहीं अवैध साइकिलों की भीड़, न अवैध पटरी, न शूटिंग की दुकान, न भुटटे अंडे, न गोल गप्पे, न अन्य किसी प्रकार का अतिक्रमण सभी साफ नजर आया। यह चमत्कार से कम नहीं होगा कि बिना किसी के हटाने पर खुद ही अतिक्रमण हट जाये।