जय प्रकाश बहुगुणा
बड़कोट : नगर पालिका बड़कोट के रतूडी स्टे्ट सभागार में आयोजित श्रीमद् भागवत दिव्य कथा पूराण का आज सीद्वपीठ मोल्डा गांव से पहुची माँ भद्रकाली की उत्सव डोली के सानिध्य में विधिवत समापन हो गया । शंकराचार्य ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम व्यास पीठ से अलंकृत प्रसिद्व भागवताचार्य शिव प्रसाद ममगांई ने कहा कि भागवत कथा प्रवचन ,धार्मिक अनुष्ठान होते हैं तो उसमें शामिल होकर पूण्य लाभ की प्राप्ती होती है, श्रीमद्भागवत कथा अमर कथा है , जिसका श्रवण भगवान शिव ने मां पार्वती को कराया और श्रवण करते ही मां पर्वती अमरत्व को प्राप्त हुई । श्रीमद्भागवत कथा को पंचम वेद कहा गया है जो कथा का श्रवण करता है उसकी सभी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती है इतना ही नही श्रीमद्भागवत कथा पूराण के श्रवण से ही मनुष्य को संासारिक दुखों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होने बताया कि सबसे पहले देव ऋषि नारद ने हरिद्वार गंगा के तट पर भागवत कथा का आयोजन भक्ति ज्ञान वैराग्य के निमित किय । इस यज्ञ में भगवान नारायण प्रकट हुए थे और सभी को आर्शीवाद दिया ,जहां भी भागवत कथा होती है वहां भगवान नारायण श्रीकृष्ण का वास होता है। उन्होने कहा यमुना तट बड़कोट में भागवत होना जनकल्याणकारी है इस लिए सभी को भावगत ज्ञान के साथ गंगा और यमुना का संरक्षण करते हुए साफ सुथरा रखना होगा । उन्होने कहा कि भागवत में मित्र प्रेम , गुरू प्रेम , माता पिता प्रेम और देव प्रेम का संकलन मानव जीवन का कल्याण का धोतक है। श्री आचार्य ममगांई ने कहा कि पाश्चात्य सभ्यता का दुष्परिणाम हमारा आहार व्यवहार बिगाड़ता जा रहा है ,आहार सुधरे ,व्यवहार सुधरे अंतर के व्यवहार से ईश्वर की प्राप्ती और बाहर से व्यवहार से सुख प्राप्ति का आभास कराता है। इससे पूर्व भागवत के अन्तिम दिन सीद्वपीठ मोल्डा गांव से मां भद्रकाली की उत्सव डोली पहुंची जिसके दर्शन को कथा पाण्डाल में श्रद्वालुओं का जमावड़ा लग गया । व्यास पीठ से जहाँ कथा वाचक आचार्य एंव ब्राहमण गणांे के अलावा माँ भद्रकाली की उत्सव डोली ने रतुड़ी परिवार सहित क्षेत्र में सुख समृद्वि लौटने का आर्शीवाद दिया साथ ही मानव मन को शांन्ति मिलने की शुभकामनाएं दी। इतना ही नही सात दिनों तक चली श्रीमद्भागवत कथा के अन्तिम दिन विशाल भण्डारा आयोजित हुआ जिसमें सभी ने भागवत प्रसाद प्राप्त किया। इस मौके पर आयोजक समाजसेवी विशालमणी रतुड़ी , श्रीमती सुन्दरा देवी, विद्या सागर , दीक्षा देवी, भगवती रतुड़ी, एश्वर्या, उन्तति , नैतिक , , वैभवी , मुरारी लाल रतुड़ी , ओम प्रकाश , आशाराम ,शैलेन्द्र रतुड़ी , हर्षपति , प्रभात ,ममता , आचार्य मुन्शीराम बेलवाल, हरिकृष्ण उनियाल, रमेश नौटियाल, सुमित थपलियाल , सन्दीप बहुगुणा, सुधीर भट्ट , सौरभ , सचिन उपाध्याय, अशोक शर्मा ,गोपाल फरस्वाण, व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजाराम जगुड़ी, आर.एस.एस के जिला कार्यवाह रामप्रसाद विजल्वाण, आनन्द राणा, देवी प्रसाद बहुगुणा, नवीन , बुद्वीराम बहुगुणा, महेश्वर प्रसाद, कृष्णानन्द , सूर्य प्रकाश, अनिल , कैलाश , शिवशरण डबराल, बाचस्पति , नरोत्तम रतुड़ी , गणेश , उपेन्द्र असवाल, थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल सहित सैकड़ों श्रद्वालु मौजूद थे।