बिजेंद्र पुंडीर
मसूरी : मसूरी-यमुना पुल मार्ग पर कांडीखाल में लगातार हो रहे भूस्खलन से जहां आये दिन रोड बंद होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। वहीं ग्रामीणों की खेती भी नष्ट हो रही है। भूस्खलन के कारण धान के खेतों में दरारें आ गई है और लगातार खेत क्षतिग्रसत हो रहे हैं।
केम्पटी फाल से पांच किमी यमुना पुल की ओर कांडी खाल में लगातार हो रहे भूस्खन से आम जन के अलावा यात्री भी परेशान हो रहे हैं। हर रोज बारिश आने से भूस्खलन जारी है जो कि एक और सिरोबगढ़ की ओर बढ़ रहा है। हालांकि भूस्खलन के होने पर रोड के दोनों ओर जेसीबी लगी है ताकि दिन रात जब भी रोड बंद हो तत्काल खोली जाय लेकिन इससे हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों को भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों के दो घराट पहले ही मलवे में दब गये हैं और दो और जद में हैं। वहीं जो मलवा गिर रहा है उसके बह कर खेतों में जाने से खेती को भी नुकसान हो रहा है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उन्हें लगातार नुकसान हो रहा है उनकी जमीन कट रही है और पहले ही दो घराट इसकी भेंट चढ़ चुके हैं लेकिन एनएच 707 ए के अधिकारी ग्रामीणों की बात सुनने को तैयार नहीं है जब कि मौके पर मौजूद एनएच के मेट का कहना है कि कई बार उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है लेकिन कोई आने को तैयार नहीं है। क्षेत्र के ग्रामीण जबर सिंह वर्मा, संत राम, खिम्मा, शांति व नारायण सिंह सजवाण आदि का कहना है कि जो लगातार भूस्खलन हो रहा है इसके पीछे ठेकेदार का स्वार्थ है। उन्होंने लगातार प्रतिबंध के बाद भी डायनामेट फोड़े जिस कारण पूरा पहाड़ हिल गया है। और इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो उनके सारे फलदार पेड़ इसकी भेंट चढे, घराट दबे लेकिन अभी तक कोई मुआवजा तक नहीं दिया गया। अब इस भूस्खलन से खेती भी इसकी भेंट चढ़ गई है। कई ग्रामीणों के भूस्खलने के उपर खेत हैं जिसमें धान की फसल लगी है वह लगातार भूस्खलन के साथ नष्ट हो रही है वहीं करीब 40 मीटर क्षेत्र में खेतों में बड़ी बड़ी दरारें आ गयी हैं जो लगातार हो रही बारिश से कभी भी नीचे आ सकते हैं ग्रामीण दरारें देख वहां जा भी नही रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसका सर्वे गलत किया गया जिसके कारण परेशानी हो रही है। तथा करीब 15 नाली जमीन इस भूस्खलन के जद में आने वाली है। वहीं भूस्खलन दोनों ओर की पहाड़ी से हो रहा है। भूस्खलन के मलवे से उसके नीचे की खेती को भी नुकसान हो रहा है जिसमें कांडीखाल के ग्रामीणों के अलावा अन्य गांवा वालों की खेती भी मलवे के कारण दब रही है।