बिजेंद्र पुंडीर
मसूरी : इन दिनों छावनी परिषद में जनता पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। बताया गया कि छावनी क्षेत्र में पानी एमईएस के माध्यम से आता है, बिल छावनी परिषद लेती है और पानी जल संस्थान से खरीदा जाता है। लेकिन अब एमईएस ने हाथ खडे़ कर दिए जिस पर छावनी, जल संस्थान को पेयजल आपूर्ति सौपने की बात कर रही है। लेकिन अभी तक यह कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई व जनता को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ा है।
छावनी परिषद की जनता को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है जिससे लोगों में आक्रोश है और क्षेत्र की जनता ने छावनी परिषद कार्यालय जाकर छावनी परिषद के अध्यक्ष मेजर जनरल जेपी यादव से वार्ता की जिसमें उन्होंने भरोसा दिलाया कि जब तक यह मामला पूरी तरह नहीं सुलझता तब तक एमईएस जनता को पानी देगा। क्षेत्रीय जनता की ओर से जसविंदर सिंह आनंद ने कहा कि एक माह से पानी की परेशानी हो रही है वहीं छावनी के एमईएस के द्वारा मीटर लगाये जा रहे है वहीं पानी की लाइनें बंद कर दी गई है। जब एमईएस में जाकर पानी की बात करते हैं तो वह कहते हैं कि कैंट बोर्ड जाओ, कैंट बोर्ड जाते हैं तो कहते है कि एमईएस जाओ। इस संबंध में छावनी बोर्ड बैठक में भी सभासदों सहित उपाध्यक्ष महेशचंद ने भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि जब तक पानी वितरण के लिए जल संस्थान को अधिकार नहीं दिया जाता तब तक पानी बंद नहीं होने दिया जायेगा। इस मामले में सुशील अग्रवाल, पुष्पा पडियार, बादल प्रकाश, चंद्रकला सयाना, रमेश कुमार ने भी कहा कि एमईएस की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। इस पर अध्यक्ष मेजर जनरल यादव ने कहा कि जब तक यह मामला नहीं सुलझता जनता को पूरा पानी दिया जायेगा जिसके लिए एमईएस को निर्देश दिए जायेंगे।
छावनी परिषद के पास पेयजल आपूर्ति करने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां पानी जल संस्थान के पंपो से आता है जिसे एमईएस खरीदती है और पानी का वितरण करती है वहीं छावनी परिषद जनता से पानी का बिल वसूलता है। ऐसे में जनता को पानी देने की जिम्मेवारी एमईएस की है लेकिन एमईएस के पास स्टाफ की कमी होने के कारण उन्होंने पानी वितरण से हाथ खडे़ कर दिए अब निर्णय लिया गया कि पानी की आपूर्ति व मरम्मत का सारा कार्य जल संस्थान को दे दिया जाय जिससे यह परेशानी हमेशा के लिए समाप्त हो जाय।