- दिव्या भारती
दिल्ली : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खासम-खास माने जाने वाले कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की दिल्ली की बेहद करीब यूपी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है। मुन्ना बजरंगी की सोमवार सुबह गोली मार कर हत्या किए जाने की आशंका है। बागपत जेल में तैनात संतरी के मुताबिक, वह सुबह 6 बजे जेल पास गस्त कर रहे थे, तभी लगातार कई गोली चलने की आवाज आई। कुछ देर बाद जानकारी मिली कि मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई। शव अभी जेल में ही है। अधिकारियों के आने के बाद भी निकल जाएगा शव।वहीं, डीएम ऋषिरेंद्र कुमार भी जिला जेल पर पहुंचे हैं और जांच शुरू हो चकी है।
सप्ताह भर पहले मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के अफसरों पर मुन्ना बजरंगी की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया था। इस हत्याकांड से पुलिस जेल और अपराध जगत में हड़कंप मच गया है। घटना की सूचना पा कर पुलिस और जेल विभाग के वरिष्ठ अफसर बागपत पहुंच रहे हैं।
पूर्वांचल में अपनी साख बढ़ाने के लिए मुन्ना बजरंगी 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था। यह गैंग मऊ से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका असर पूरे पूर्वांचल पर था।
मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद इस गैंग की ताकत बहुत बढ़ गई। मुन्ना सीधे पर सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा था, वह लगातार मुख्तार अंसारी के निर्देशन में काम कर रहा था।
जानें- कौन है मुन्ना बजरंगी
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है, उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे, लेकिन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। जानकारी के मुताबिक, उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे।
हथियार रखने का शौक था
मुन्ना को हथियार रखने का बड़ा शौक था। बताया जाता है कि वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था। इसी के चलते 17 साल की नाबालिग उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा. वह जरायम के दलदल में धंसता चला गया।