हेम बहुगुणा
हल्द्वानी : कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बंशीधर भगत के बेटे और भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास भगत को अदालत के आदेश को हल्के में लेना भारी पड़ गया; गैर जमानती वारंट के आधार पर उन्होंने आज हल्द्वानी की एसीजे कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया; उनके वकील ने अदालत से उन्हें जमानत देने की अपील की लेकिन अदालत ने उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को देखते हुए उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया। उनके साथ भाजयुमो नेता गौरव जोशी को भी जेल भेजा गया है।
आपको बता दें कि दिसंबर 2016 में गौलापार में स्टेडियम की नींव की ईंट रखने के लिए तत्कालीन सीएम हरीश रावत हल्द्वानी आए थे; गौलापार में भाजयुमो के कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाते हुए उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की थी। आरोप है कि इन युवाओं का उद्देष्य मुख्यमंत्री को एक बड़े विकास कार्यकी नींव रखने से रोकना था। इस मामले में पुलिस ने विकास भगत को मुख्य आरोपी बनाते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। तब से ही अदालत उन्हें बार बार कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी कर रही है। सम्मन से हाते हुए मामला गैरजमानती वारंट तक जा पहुंचा तो पुलिस से बचते बचाते विकास भगत व उनके साथ गौरव जोशी आज हल्द्वानी की कोर्ट में आत्मसमर्पण को पहुंच ही गए। उनके वकील ने उनकी हाथ के हाथ जमानत की अर्जी भी लगा दी। लेकिन नाराज अदालत ने उनकी जमानत की अर्जी अस्वीकार करते हुए उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिये। विकास व गौरव को उपकारागार ले जाया गया है। जहां आज की रात उन्हें गुजारनी ही पड़ेगी.