सोनू उनियाल
जोशीमठ : कल्पघाटी उर्गम को कल्पेश्वर महादेव मन्दिर से जोड़नें वाला एकमात्र पैदल पुल आपदा के पांच साल बीत जानें के बाद भी आजतक नही बन सका है,आलम ये है कि अब शिवधाम कल्पेश्वर महादेव को भी भगवान भरोसे ही छोड दिया गया है।
गौरतलब है कि पंच केदारों में एक कल्पेश्वर धाम को आनें वाले देशी विदेशी श्रद्धालुओं सहित करीब आधा दर्जन गांवों के स्कूली बच्चों को कल्प गंगा के ऊपर जानजोखिम में डालकर आवाजाही करनें को मजबूर होना पड रहा है,क्याेकि पंच केदारों में यही एक ऐसा धाम है जहां पूरे सालभर मन्दिर के कपाट खुले रहते है।
वहीं मानसून में कल्पगंगा के ऊफान में कई बार दुर्घटनायें भी हो चुकी है,बावजूद इसके शासन प्रशासन कल्पेश्वर महादेव को जोडने वाले कल्प गंगा पर बन रहे निर्माणाधीन पैदल पुल के कार्य पर तेजी दिखानें में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है,छेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिंह नेगी कहते है कि PWDके भरोसे सरकार की योजनायें अधर में लटकी है।
आपदा से आखिर आजतक क्यों इस जगह पर पुल का काम तेज नही हो पा रहा है,क्या ग्रामीणों और यहां आनें वाले तीर्थयात्रियों की जिन्दगी का कोई मोल नही है,ऐसा भेदभाव कल्पघाटी के लोगों के साथ ही क्यों कर रही है सरकार जवाब दे।
हालांकि PWD नें यहांपर कहनें के लिये ट्राली की व्यवस्था की है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ये ट्राली किसी काम की नही है,हमें पैदल पुल की जरूरत है,फिलहाल पंचकेदार में प्रमुख केदार भगवीन शिव के धाम कल्पेश्वर धाम को भी सरकार की बेरुखी के चलते भगवान भरोसे रहना पड रहा है।